AHSEC HS Class 12 Hindi (MIL) Question Paper 2024 [H.S 2nd Year Hindi Paper 2024]

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AHSEC HS Class 12 Hindi (MIL) Question Paper 2024 [H.S 2nd Year Hindi Paper 2024]

AHSEC Class 12 Hindi (MIL)
SOLVED QUESTION PAPER 2024

FULL MARKS: 100
PASS MARKS: 30, Time : Three Hours 
The figures in the margin indicate full marks for the questions.

1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
मनमोहनी प्रकृति की जो गोद में बसा है।
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसके चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल, कंद, नाज मेवे।
सब अंग में सजे हैं वह देश कौन-सा है?
प्रश्न: 
(क) प्रस्तुत काव्यांश का एक उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
(ख) कवि ने कविता में किस देश का उल्लेख किया है?
(ग) काव्यांश के अनुसार नदियों की क्या विशेषताएँ हैं?
(घ) कवि के अनुसार इस देश में कौन-सा सुख प्राप्त होता है?
(ङ) कवि ने हिमालय के बारे में क्या कहा है?
2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
बोलने का विवेक, बोलने की कला और पटुता व्यक्ति की शोभा है, उसका आकर्षण है। सुबुद्ध वक्ता अपार जनसमुह का मन मोह लेता है, मित्रों के बीच सम्मान और प्रेम का केंद्र-बिंदु बन जाता है। जो लोग अपनी बात को राई का पहाड़ बनाकर उपस्थित करते हैं, वे एक ओर जहाँ सुनने वाले के धैर्य की परीक्षा लिया करते हैं, वहीं अपना और दूसरे का समय भी अकारण नष्ट किया करते हैं। विषय से हटकर बोलने वालों से, अपनी बात को अकारण खींचते चलेजाने वालों से तथा ऐसे मुहावरों और कहावतों का प्रयोग करने वालों से जो उस प्रसंग में ठीक ही न बैठ रहे हों, लोग ऊब जाते हैं। वाणी का अनुशासन, वाणी का संयम और संतुलन तथा वाणी की मिठास ऐसी शक्ति है जो हर कठिन स्थिति में हमारे अनुकूल ही रहती है, जो मरने के पश्चात् भी लोगों की स्मृतियों में हमें अमर बनाए रहती है। हाँ, बहुत कम बोलना या सदैव चुप लगाकर बैठे रहना भी बुरा है। यह हमारी प्रतिभा और तेज को कुंद कर देता है। ऐसा व्यक्ति गुफा में रहने वाले उस व्यक्ति की तरह होता है, जिसे बहुत दिनों के बाद प्रकाश में आने पर भय लगने लगता है। अतएव कम बोलो, सार्थक और हितकर बोलो। यही वाणी का तप है।
प्रश्न:
(क) प्रस्तुत गद्यांश में व्यक्ति की शोभा और आकर्षण किसे बताया गया है और क्यों?
(ख) किस प्रकार का बोलना लोग पसंद नहीं करते हैं?
(ग) कैसी भाषा हमें जीवन में लोकप्रिय और अमर बनाती है?
(घ) गद्यांश के अनुसार कम बोलना अच्छा क्यों नहीं है?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश का एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(च) गद्यांश में निष्कर्ष रूप में कौन-सा वाक्य है?
(छ) निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:
पटुता; संयम; अनुकूल; हितकर
(ज) विपरीतार्थी शब्द लिखिए:
सम्मान; संतुलन; कठिन; प्रकाश
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए:
(क) परिश्रम सफलता की कुंजी है
(भूमिका – परिश्रम की अनिवार्यता – परिश्रम से विकास-लाभ – उपसंहार)
(ख) जनसंचार माध्यम
(भूमिका – प्रकार – सामाजिक जीवन में जनसंचार माध्यम का सुप्रभाव – कुप्रभाव – उपसंहार)
(ग) पुस्तकों का महत्व
(भूमिका – पुस्तकों से होने वाले लाभ – मनोरंजन का साधन पुस्तकें अमर निधि है – उपसंहार)
(घ) स्वतन्त्रता दिवस
(प्रस्तावना – स्वतन्त्रता का अर्थ – स्वरूप कर्तव्य भावना – उपसंहार)
4. (क) दिन-प्रतिदिन बढ़ती महँगाई के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए किसी भी एक स्थानीय पत्र के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए। 
अथवा
(ख) अपने शहर की सड़कों की दुर्दशा पर चिंता और खेद प्रकट करते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष को पत्र लिखिए। 
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) ब्रेकिंग न्यूज़ किसे कहते हैं?
(ii) इंटरनेट पत्रकारिता से क्या आशय है?
(iii) समाचार की भाषा शैली कैसी होनी चाहिए?
(iv) हिन्दी के पहले समाचार पत्र का नामोल्लेख कीजिए।
(v) किसी एक श्रव्य जनसंचार माध्यम का नाम लिखिए।
6. (क) सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर एक फ़ीचर लिखिए।
अथवा
(ख) भारत की परंपराओं पर हावी होती पाश्चात्य संस्कृति पर चिंता प्रकट करते हुए एक आलेख लिखिए।
7. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़‌कर उसके नीचे दिए गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि, 
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी॥ 
‘तुलसी’ बुझाइ एक राम घनस्याम ही तें, 
आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेटको॥
प्रश्न:
(i) प्रस्तुत-काव्यांश के कवि और कविता का नाम लिखिए। 
(ii) भूख और गरीबी का सबसे मार्मिक दृश्य कौन-सा है?
(iii) कवि की भूख कैसे शांत हुई?
(iv) विपरीतार्थी शब्द लिखिए:
ऊँचे; धरम; बेटा; बुझाइ
अथवा
(ख) आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी 
हाथों पे झुलाती है उसे गोद-भरी 
रह-रह के हवा में जो लोका देती है 
गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हाँसी।
प्रश्न:
(i) प्रस्तुत काव्यांश के कवि और कविता का नाम लिखिए।
(ii) शब्दार्थ लिखिए:
आँगन; झुलाती; लोका; गूँज
(iii) प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने माँ की ममता को किस प्रकार चित्रित किया है?
(iv) ‘चाँद के टुकड़े’ का प्रयोग किसके लिए हुआ है और क्यों?
8. निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, 
भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
प्रश्न:
(i) काव्यांश के शिल्पगत सौन्दर्य पर प्रकाश:
(ii) “यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है” – भाव स्पष्ट कीजिए:
(iii) कवि क्यों अपनी चंचलता त्याग देता है?
अथवा
(ख) फिर हम परदे पर दिखलाएँगे
फूली हुई आँख की एक बड़ी तस्वीर
बहुत बड़ी तस्वीर
और उसके होंठों पर एक कसमसाहट भी
(आशा है आप उसे उसकी अपंगता की पीड़ा मानेंगे)
एक और कौशिश
दर्शक
धीरज रखिए
देखिए
हमें दोनों एक संग रुलाने हैं।
प्रश्न:
(i) प्रस्तुत काव्यांश के भावसौन्दर्य पर प्रकाश डालिए।
(ii) “हमें दोनों एक संग रुलाने हैं” 
– प्रस्तुत काव्यांश से कार्यक्रम संचालक का कौन-सा रवैया सामने आया है?
(iii) “और उसके होंठों पर एक कसमसाहट भी” – यह अवस्था किसकी है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
9. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क), “यह घर, वह घर 
सब घर एक कर देने के माने 
बच्चा ही जाने।”
– भाव स्पष्ट कीजिए।
(ख) भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चौका
(अभी गीला पड़ा है)
– आशय स्पष्ट कीजिए।
(ग) “गरबीली गरीबी यह, ये गंभीर अनुभव”
– पंक्ति कवि के कैसे अनुभव को व्यक्त करती है?
(घ) “कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहाँ बोया गया।”
– कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
10. निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) एक बार चूरन वाले भगत जी बाजार चौक में दीख गए। मुझे देखते ही उन्होंने जय- जयराम किया। मैंने भी जयराम कहा। उनकी आँखें बंद नहीं थीं और न उस समय वह बाजार को किसी भाँति कोस रहे मालूम होते थें। राह में बहुत लोग, बहुत बालक मिले जो भगत जी द्वारा पहचाने जाने के इच्छुक थे। भगत जी ने सबको ही हँसकर पहचाना। सबका अभिवादन लिया और सबको अभिवादन किया। इससे तनिक भी यह नहीं कहा जा सकेगा कि चौक बाजार में होकर उनकी आँखें किसी से भी कम खुली थीं। लेकिन भौंचक्के हो रहने की लाचारी उन्हें नहीं थी। व्यवहार में पसोपेश उन्हें नहीं था और खोए- से खड़े नहीं वह रह जाते थे। भाँति-भाँति के बढ़िया माल से चौक भरा पड़ा है। उस सबके प्रति अप्रीति इस भगत के मन में नहीं है। जैसे उस समूचे माल के प्रति भी उनके मन में आशीर्वाद हो सकता है। विद्रोह नहीं, प्रसन्नता ही भीतर है, क्योंकि कोई रिक्त भीतर नहीं है। देखता हूँ कि खुली आँख, तुष्ट और मग्न, वह चौक बाजार में से चलते चले जाते हैं।
(i) भगत जी बाजार में प्रसन्न और संतुष्ट क्यों दिखाई देते हैं?
(ii) “भगत जी की आँखें बंद नहीं थीं” – इसका क्या आशय है?
(iii) भगत जी वस्तुओं के प्रति मन में कैसा भाव रखते थे?
(iv) इस गद्यांश के आधार पर बताइए कि बाजार के प्रति हमारा कैसा रुख होना चाहिए।
अथवा
(ख) शिरीष तरु सचमुच पक्के अवधूत की भाँति मेरे मन में ऐसी तरंगें जगा देता है जो ऊपर की ओर उठती रहती हैं। इस चिलकती धूप में इतना इतना सरस वह कैसे बना रहता है? क्या ये बाद्य परिवर्तन – धूप, वर्षा, आँधी, लू- अपने आपमें सत्य नहीं हैं? हमारे देश के ऊपर से जो यह मार-काट, अग्निदाह, लूट-पाट, खून-खच्चर का बवंडर बह गया है, उसके भीतर भी क्या स्थिर रहा जा सकता है? शिरीष रह सका है। अपने देश का एक बूढ़ा रह सका था। क्यों मेरा मन पूछता है कि ऐसा क्यों संभव हुआ ? क्योंकि शिरीष भी अवधूत है। शिरीष वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल और इतना कठोर है। गाँधी भी वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल और इतना कठोर हो सका था। मैं जब- जब शिरीष की ओर देखता हूँ तब तब हूक उठती है- हाय, वह अवधूत आज कहाँ है।
प्रश्न:
(i) शिरीष की सरसता को देखकर लेखक के मन में कौन-सा भाव उठता है?
(ii) अग्निकांड और खून-खराबे के बीच कौन-कौन स्थिर रह सके हैं?
(iii) शिरीष को अवधूत क्यों कहा गया है?
(iv) वायुमंडल से रस खींचने का क्या आशय है?
11. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया है?
(ख) “बाजार किसी का लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता; वह देखता है सिर्फ उसकी क्रय शक्ति को।”
– आप इससे कहाँ तक सहमत है?
(ग) चार्ली प्रेमचन्द के ज्यादा नजदीक कैसै है?
(घ) नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्र था?
(ङ) चार्ली चैप्लिन सबसे ज्यादा स्वयं पर कब हँसता है?

पूरक पुस्तक (वितान: भाग-2)
12. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) यशोधर बाबू की पत्नी के चरित्र पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
(ख) यशोधर बाबू की दिनचर्या कैसी थी?
(ग) ‘अतीत में दबे पाँव’ में वर्णित महाकुंड का वर्णन कीजिए।
13. किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) “यशोधर बाबू स्वीकार करते हैं कि उनमें कुछ परिवर्तन हुआ है लेकिन वह समझते हैं कि उम्र के साथ-साथ बुजुर्गियत आना ठीक हो है।”
– पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ख) “सिंधु सभ्यता में नगर नियोजन से भी कहीं ज्यादा सौंदर्य-बोध के दर्शन होते हैं।”
– ‘अतीत में दबे पाँव’ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
(ग) “टूटे-फूटे खंडहर, सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के साथ-साथ धड़कती जिंदगियों के अनछुए समयों का भी दस्तावेज होते हैं”
-इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 
14. “सिंधु-सभ्यता साधन-संपन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडंबर नहीं था”
– पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
‘सिल्वर वैडिंग’ पाठ में नयी पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के अन्तराल को किस तरह दिखाया गया है? स्पष्ट कीजिए।

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